अदाएं है तेरी शहनाइयां क्यूं बजा रही ऐसे रुसवाईयां। अदाएं है तेरी शहनाइयां क्यूं बजा रही ऐसे रुसवाईयां।
ये जो रास्तों की मुश्किलें हैं, बाजार के भाव की अटकलें हैं... ये जो रास्तों की मुश्किलें हैं, बाजार के भाव की अटकलें हैं...
इस कविता मे प्रेमी अपने आखिरी पलों में प्रेमिका को दिलासा दे रहा है... इस कविता मे प्रेमी अपने आखिरी पलों में प्रेमिका को दिलासा दे रहा है...
ये लंगोटधारी ये लंगोटधारी
गुज़रा वो वक्त जब हम साथ थे, हो गये मानो सभी आभास है, गुज़रा वो वक्त जब हम साथ थे, हो गये मानो सभी आभास है,
जो बेचारा हरिराम जो बेचारा हरिराम